आजाद हिंद फौज - Indian National Army - Education is growth
“आजाद हिंद फौज” या “इंडियन नेशनल आर्मी” का गठन 1942 ई० में टोक्यो (जापान) में किया गया था|
“आजाद हिंद फौज” की स्थापना का विचार सर्वप्रथम मोहन सिंह के मन में आया था|
कैप्टन मोहन सिंह, रासबिहारी बोस एवं निर्जन सिंह गिल के सहयोग से इंडियन नेशनल आर्मी या आजाद हिंद फौज कि प्रथम डिविजन का गठन 1 दिसंबर 1942 ई० को मोहन सिंह के आधीन हुआ | इसमें लगभग 16,300 सैनिक थे |
कालांतर में जापान ने 60,000 युद्ध बंदियों को आजाद हिंद फौज में शामिल होने के लिए छोड़ दिया |सुभाषचंद्र बोस ने 1941 ई० में बर्लिन में इंडियन लीग की स्थापना की बाद में 4 जुलाई 1943 को सुभाषचंद्र बोस ने पूर्वी मोर्चे पर आकर “आजाद हिंद फौज” की कमान को संभाला |
सुभाषचंद्र बोस ने अपने अनुयायियों को “जय हिंद” का नारा दिया |
आजाद हिंद फौज के सिपाही उन्हें “नेताजी” कहते थे| बोस ने “दिल्ली चलो” का नारा दिया | इसी प्रेरणा से उन्होंने 21 अक्तूबर 1943 ई० को संगपूर में अस्थायी भारत सरकार “आजाद हिन्द सरकार” की स्थापना की |
इस सरकार के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सेनाध्याक्ष थे स्वयं सुभाषचन्द्र बोस |
वित्त विभाग एस०सि०चटर्जी को, प्रचार विभाग एस०पा०अय्यर को तथा महिला संगठन लक्ष्मी स्वामीनाथन को सौंपा गया ।
सैनिकों का आह्वान करते हुए सुभाषचन्द्र बोस ने कहा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।” आजाद हिन्द फौज का प्रतीक चिह्न था – झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र ‘कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाया जा’- इस संगठन का गीत था । आजाद हिन्द सरकार के झण्डे तले फौज, रंगून से होती हुई थल मार्ग से भारत की ओर बढ़ती हुई 18 मार्च, 1944 को कोहिमा और इम्फाल के भारतीय मैदानी क्षेत्रों तक पहुँच गई ।
जर्मनी, जापान तथा उनके समर्थक देशों द्वारा आजाद हिंद सरकार को मान्यता प्रदान की गई | बोस ने सिंगापुर में आजाद फौज का मुख्य कार्यालय बनाया| दूसरे विश्वयुद्ध में जापान की पराजय का प्रभाव आजाद हिंद सरकार पर पड़ा |
फिर अंग्रेजों ने आजाद हिंद फौज के अधिकारियों को और सैनिकों को 1945 में गिरफ्तार कर लिया | बाद में ऐसा कहा जाता है कि एक हवाई दुर्घटना में सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त 1945 को मृत्यु हो गई परन्तु अभी यह बात रहस्य बनी हुई है|
आजाद हिंद फौज - Indian National Army - Education is growth
Reviewed by Ritik Mishra
on
Saturday, May 04, 2019
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We should proud of our great leaders 🙏🙏
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