अपने जीवन को जल कि तरह जिये -Live your life like water -Education Is Growth
अपने जीवन को जल कि तरह जिये
इस संसार में व्यक्ति एक दूसरे को निचा दिखाने में लगा रहता हैं | वह यह भूल जाता हैं कि जितना भी आकाश में पत्थर उछाले लेकिन वह पत्थर तीव्र वेग से निचे ही गिरता है | इस लिए हमें अपने जीवन में कैसा होना चाहिए और किस तरह अपने जीवन को व्यापन करना चाहिए | हमें अपने जीवन को जल कि तरह व्यतीत करना चाहिए |
अब आप सोच रहे होंगे की यह कैसे | जल की तरह जीवन को व्यतीत किया जा सकता है | हम बताते है कि जीवन को जल की तरह व्यतीत ऐसे कर सकते हैं | जैसे जल जितना निचे होकर बहता है फिर उतना ही उचा उठता हैं उसके रास्ते में जितनी भी बाधाएं उत्पन होती है लेकिन जल उन सब बाधाओं को कितने सरलता से पार कर लेता है | जल का यह गुण हमारे अंदर विकसित होना चाहिए | हम जितना सरल व्यवहार करेगें उतना ही हमें लोग पसंद करेगें और हम अपनी सफलता की ओर बढ़ते चले जायगें जैसे जल आगे बढ़ता हैं | यह तो हम लोग जानते हैं कि जल के तीन रूप होते हैं | द्रव, ठोस, गैस | हम बात करेंगे ठोस के बारे में | ठोस जल (बर्फ) द्रव जल का ही रूप हैं एक ही प्रवर्ति है | लेकिन हम ठोस जल और द्रव जल में अंतर ढूढ़े तो पता चलेगा की ठोस जल के सामने बाधाएं आने पर वह उन्हें पार नहीं कर पता हैं क्यूकि वह अपने ठोस रूप पर अड़िग रहता हैं | आप कहगें की तो हमें अपना अस्तित्व खोदेना चाहिए ठोस जल का अस्तित्व वह कठोर पन ही होता हैं | हम आपको अपना अस्तित्व खोदेने की बात नहीं कर रहे है | जैसे द्रव जल परीस्थिति के अनुकूल उसमें अपने आप को ढाल लेता हैं | परन्तु वह अपना लक्ष्य नहीं भूलता | जब जल झरनों और पहाड़ों द्वारा नदी तालाबों की ओर बहता है तब उसके मार्ग में अनेक बाधाएं आती हैं और उन बाधायों को पार करने के लिए वह अपना मार्ग बदलता तो है पर लक्ष्य के मार्ग को नहीं भूलता और फिर उस लक्ष्य के मार्ग पर बहता चला जाता हैं | जब तक उसे वह लक्ष्य प्राप्त नहीं होता | जब परीस्थिति आपके अनुकूल नहीं तो हमें बदलना तो चाहिए लेकिन अपने लक्ष्य मार्ग को नहीं भूलना चाहिए |
जब हम लक्ष्य बनाते है तो बाधाएं आना यह स्वभाविक हैं क्यूकि यह बाधाएं हमें उस लक्ष्य को पाने के लायक बनाती हैं |
अपने जीवन को जल कि तरह जिये -Live your life like water -Education Is Growth
Reviewed by Ritik Mishra
on
Saturday, June 29, 2019
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